नेत्र हमारी सबसे महत्वपूर्ण ज्ञान इंद्रियों में से एक है इसलिए इसकी संरचना तथा कार्य विधि को समझना हमारी कोई विशेष महत्व रखता है हमारे मित्र की आकृति क्लब के गोलाकार है प्रकाश के आने अपने रंगों में विभाजित होने पर प्रकाश के पीछे पड़ जाते हैं इंद्रधनुष पीछे पर को दर्शाने वाली एक प्राकृतिक परिघटना है नेत्र की बारी आती है तो कहते हैं कविता लिखने का वह भाग जो जो इसका विशिष्ट बदनाम करती है एयरटेल का नेट में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करती है उसी के पीछे क्लास होता है तो क्या होता है प्रकाश को आपके पीछे परत को फोकस करता है इस तरह को रोटी ना कहते हैं रेटीना अनेक तंत्रिका कोशिकाओं का बना होता है तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा अनुभव की गई जमीन दलालों को ढूंढ तंत्रिकाओं द्वारा मस्तिक तक पहुंचाया जाता है तंत्र का कुछ कह दो प्रकार की होती है शंकु ज्योति प्रकाश के लिए चल रही होती है सलाहकार जो मंद प्रकाश की सुधराई होते हैं इसके अतिरिक्त संघ को रंगों की सूचनाएं भी भेजते हैं
दो तंत्रिका ऊतक का रेटिना की संधि पर कोई तंत्र कोशिका नहीं होती है इस बिंदु को अंध बिंदु कहते हैं रेटिना पर बना प्रतिबिंब का प्रभाव वस्तु को हटा लेने पर परंतु तुरंत ही ही समाप्त नहीं होता है यह लगभग 1 बटा 16 सेकंड तक बना रहता है इसलिए यदि त्रिनेत्र पर प्रति सेकंड 16 या इससे अधिक दर्द किसी गतिशील वस्तु की स्थिति में बने तो नेतृत्व को यह वस्तु चलचित्र की भांति चलती फिरती दिखाई देती है कल दो चलचित्र देखते हैं वास्तव में कुछ-कुछ भी अन्य चित्रों का उक्त क्रम में पर्दे पर हैं उन्हें नेत्र के सामने पराया 24 ब्रायन 24 पृथ्वी प्रति सेकंड 16 प्रति सेकेंड की दर से अधिक की दर से परिवर्तित होने होते दिखाया जाता है इस प्रकार हम चल चित्र देख पाते हैं मित्रों को हमारी वस्तुओं के प्रवेश से सुरक्षा देने के लिए प्रकृति में पलकें प्रदान की गई है कल के बंद हो होकर अनावश्यक प्रकाश को भी मित्रों में प्रवेश को रोक देती है नेत्र का एक ऐसा अद्भुत यंत्र है जो सामान्य नेत्र दूर स्थित वस्तु के साथ शादी करके उसको प्रवेश कर सकता है देख सकता है यह न्यूनतम दूरी जिस पर ने तो वस्तु को स्पष्ट देख सकता है यार के साथ परिवर्तित होती रहती है संता ने के द्वारा पढ़ने के लिए सर्व अधिक सुविधाजनक लगभग 25 सेंटीमीटर होती है कुछ मनुष्य पास रखी वस्तु के स्पष्ट रूप से देख सकते हैं परंतु दूर की वस्तु को स्पष्ट नहीं देख पाते हैं इसके विपरीत कुछ मनुष्य निकट किए रखी वस्तु को स्पष्ट नहीं देख पाते हैं परंतु दूर की वस्तु को स्पष्ट करते हैं उचित संशोधन के अनुसार द्वारा उपयोग नेत्र की दृष्टि दोष को संशोधित किया जा सकता है कभी-कभी विशेष रूप से वृद्ध अवस्था में नेत्र दृष्टि धुंधली हो जाती है यह नेत्र लेंस की दुबला हो जाने के कारण होता है ऐसी होने पर यह कहा जाता है कि नेट में मोतियाबिंद दीक्षित हो गया है इसके कारण दृष्टि कमजोर हो जाती है जो कभी-कभी अधिक गंभीर रूप में रहता है उसकी चिकित्सा संभव है आदर्श को हटाकर लगा दिया जाता है आधुनिक प्रक्रिया को और परामर्श के द्वारा उच्च चूने का प्रयोग करना चाहिए यदि परामर्श दिया गया है तुझे चश्में का उपयोग कीजिए मित्रों के लिए बहुत कम दे बहुत अधिक प्रकार हानिकारक है अपर्याप्त प्रकार से नेत्र की चाहत अगर सिर दर्द हो सकता है सूर्य किसी से 30 आवेदन किया तो दीप्ति प्रकार के ले जाता है बालक प्रकाश जी टीना को क्षति पहुंचाता है जंतुओं के नेतृत्व में विभिन्न आकृतियों के होते हैं केकड़े के नेत्र बहुत छोटे परंतु इसके द्वारा केकड़ा चारों ओर देख सकता है यह सब के पीछे से भी उसकी ओर आता है तभी उसे पता लग जाता है