दोस्तों आज के समय में हम जानते है की कम्पटीशन बढ़ता जा रहा है . और स्टूडेंट्स के लिए पढाई का बोझ बढ़ता जा रहा है . हमें पता है आज के समय में हर विषय को याद रखना आसान नहीं है .
यहाँ पर राम की कहानी { सच्ची घटना परन्तु परिवर्तित नाम } के मध्यम से हम आप लोंगों को पढ़ने का सही तरीका बतलायेंगे .
यहाँ पर बताए गए नियम को 72 बच्चों पर आजमाया गया है मेरे द्वारा ( स्कूल एवं कोचिंग में )
72 में से 65 बच्चों ने इस तरीके से पढ़ने पर सफलता प्राप्त की है . आशा है आपको भी लाभ होगा . यदि आप को लाभ हो तो कमेंट कर के जरूर बतायें .
राम एक समझदार बालक है जो रीवा में रहने वाला बालक है . राम जब 6th क्लास में था तब उसे कुछ भी पढाया जाय तो उसे न तो समझ में आता था न ही याद रहता था . जो कुछ भी पढ़ता वो भी याद नहीं रहता था . वह पढना तो चाहता था पर उसे याद न होने के करण वह क्लास में हमेशा पीछे रहता और टीचर की डांट खाता रहता था . उसे पढाई में लगाओ होने के कारण वह याद करने के तरीकों को खोजता एवं उसे अपने उपयोग में लाया कारता था .
उसमे से एक उपयोग जिससे वह 10 th में 91 % पाया था , वह निम्न तरीकों का उपयोग कर रहा था जो क्रम से थे -
- वह चैप्टर पढ़ने से पहले अपने इस्ट देव, गणपति ,एवं सरस्वती माता का ध्यान कर के उनसे वादा करता की मै 30 मिनेट में 30 लाइन पढूंगा जिसमे 15 मिनेट slow एक बार तथा 15 मिनेट fast 4 बार .
- वह पढ़ते समय पूरा ध्यान उसी पैराग्राफ पर लगता था जिसे वह पढ़ रहा होता था और उसी पैराग्राफ के बारे में सोचता था .
- वह मन भटकने से रोकता और फिर उसी में धयान लगता था .
- जो वह पढ़ता , उसमें से पढ़ने के बाद वह कुछ शब्द जो याद रह जाता उसे लिख लेता था .
- इसमें समय तो बहुत लगता था परन्तु उसे जब भी revision या याद करना हो तो उसे बड़ी आसानी होने लगी थी .
- इस विधि में इमानदारी , साहस , एवं धर्य होने चाहिए .
- यही तरीका प्रश्नों के उत्तरों में भी करने लागा था .
- वह जानता था की पढ़ा हुआ भूल जायेगा इसलिये वह revision का एक पैटर्न उसने बना लिया , पहले उसी दिन दुसरे किसी भी टाइम revision करता फिर ३ दिन बाद फिर एक हफ्ते वाद फिर जब उसका exam हो तब .
- वह याद न होने पर परेसान न होकर उस इस रीडिंग मेथड को अपनाता था .
- आदत में आने पर उसे सब याद होने लगा .
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