हमारे चारों ओर के परिवर्तn
हमारे चारों और बहुत से परिवर्तन अपने आप होते रहते हैं खेतों में फसल समय अनुसार बदलती रहती हैं पत्तियां रंग बदलती हैं और सुख कर पेड़ से गिर जाती हैं फूल खिलते हैं और फिर मुरझा जाते हैं पदार्थों को गरम करने या किसी अन्य पदार्थ के साथ मिश्रित करके उन्हें कुछ परिवर्तन लाए जा सकते हैं कुछ परिवर्तन उत्क्रमित किए जा सकते हैं जबकि कुछ अन्य को उत्क्रमित नहीं किया जा सकता हमारे चारों ओर की वस्तुओं को परिवर्तित करने की बहुत ही अन्य विधियां भी हो सकती हैं हमारे चारों ओर के परिवर्तन को दो वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है परिवर्तन जिन्हें उत्क्रमित किया जा सकता है तथा परिवर्तन जिन्हें उत्क्रमित नहीं किया जा सकता है लकड़ी के हत्थे लगाने से पहले गर्म किया जाता है जब हम जल को बर्तन में गर्म करते हैं तो कुछ समय बाद में उतरना शुरू हो जाता है अगर हम उसे लगातार गर्म करें तो जल की मात्रा बर्तन से घटनी शुरू हो जाती है