वात रोग एवं दर्द के लिए मंत्र

 इस प्रयोग में जल का उपयोग करेंगे हम जल को अभिमंत्रित करके आंख और माथे पर लगाएंगे तथा पानी जिस व्यक्ति को दर्द हो उसे पिलाना है यदि खुद को है तो खुद का नाम भी पूरा लेना है यहां पर अमुक के स्थान पर पूरा नाम बोलना है मंत्र इस प्रकार  है,
 वात रे वात  जान  लोम तोर जाति अमावस्या मंगलवारए तोर उत्पत्ति उइया वात पुइया वात जुइया वात पाथुरि वात सजाष्ठीयआ वात रामे बोलेन हरूत लक्षमने बोले न चल चल अमुकेर अंगे थाकिवार पैल लगा पड़ सिद्धि गुरु श्री रामेर आज्ञा गंगा यमुना त्रिवेणी अमुकर काहिनी अमुकार खंड कत ठना मानि

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